पर अब्राहम न कय्हो, ‘हे पोरिया स्मरण कर कि तू अपनो जीवन म अच्छी वस्तु ले चुको हैं, अर वसो ही लाजर बुरी वस्तु: परन्तु अब उ यहाँ सान्ति पर रय्हो हैं, अर तू तड़प रय्हो हैं।
धन्य हैं उ जो मूसिबत म विस्वास लायक रहवा हैं दुख से खडो निकलनो पर ओ ख जिन्दगी को उ मुकुट हासिल होय जे ख प्रभु न अपनो दास हुन ख देवन को वादा करयो हैं। अपन प्यार करन वाला से की आय।