अऊर इब्लीस न बोल्यो कि, “अदि तू परमेस्वर को पोरिया आय, ते अपनो तुम ख निचू गिरा दे” काहेकि लिख्यो हैं; “वी तोरो बारे म अपना स्वर्गदूत हुन ख हुकुम देहे, अर वी तो ख हातो ही हात उठा लेहे; कई असो नी होए कि तोरो पाय हुन म पत्थर से झट लगे।”
एमा सन्देह नी कि भक्ति को भेद गम्भीर हैं: लेकिन वह जे सरीर म प्रगट हुओ आत्मा म धर्मी ठहरो स्वर्ग दूत हुन ख दिखाई दियो, दुसरी जाति हुन म उसको प्रचार भयो, दुनिया म ओ पर भरोसा किरयो गयो, अर महिमा म ऊपर उठाया गयो।