52 अर समसान खुल गई अर सोए हुओ सुध्द इंसान हुन ख बेजा से मरो सरीर जिन्दो हुयो,
52 आउर कबरमन खुलुन गेली, आउर सोहलोर पवितर लोगमन चो खुबे असन लाश जीव उठली।
ओ ना या बात बोली, अऊर एको बाद उनसे बोलन लग गयो, “हमारो दोस्त लाजर सो गयो हैं, पर मी ओखा जागान ख जाऊ हैं।”
फिर ओ न घुटना बल टिक ख ऊँचो सब्द से पुकारा, “हे प्रभु, यू पाप ख उन को विरुद म मत लगाजो।” अर यू इत्तो कह ख मर गयो।
यू तीरका तुम म बेजा सारा सो दुखी अऊर बीमार हैं, अऊर बेजा सारा मर भी गया।
पर सही म मसी मरा हुन म से जिन्दो भयो हैं, अऊर जे मर गयो हैं ओ म उ पहलो फल भयो हैं।
देख, मी तुम से गुप्त की बात कहूँ हैं: हम सब नी मरे, पर सब बदल जाहे,
काहेकि अदि हम भरोसा करा हैं कि यीसु मरिया अर जिन्दो भी हो गयो, ते वसो ही परमेस्वर उनका भी जो यीसु म सो गया हैं, ओको ही संग लेका आहे।
मसी हमरो लाने एकोलाने मरियो, जसो हम चाहे जिन्दा रैय या मर गया होय, सब मिलका ओको ही संग जीएँ।