जब उ न्याय कि राज गदी पर बठो भेयो हतो ते ओकी घर वाली न ओ से कहला भेजो, “तु उ धर्मी ख लाफड़ा म हात नी डालनो, काहे कि मी न आज सपना म ओखा कारन बेजा दुख उठायो हैं।”
अर का तुम असो सोचा आय कि सुध्द सास्र बैकार म कहव हैं कि, “परमेस्वर न हमारो जोने जे आत्मा बसायो हैं,” काहेकि उ असी आसा करह हैं। जेको प्रतिफल बुरी बात आय?