यीसु न ओसे कय्हो, का तुम न कभी सुध्दसास्र म यू नी पढ़यो: जो पत्थर ख राजमिसतिरी न बेकार ठहरा हे, उई कोना को सिरा ख पत्थर हो गयो? यी प्रभु कि तरफ से भयो, अर हमारो देखन म बेजा चोक्खो हैं।
अर इंसान को पोरिया ते जसो ओखा बारा म लिखो हैं जाय हैं: पर उ अदमी पर धितकार हैं जेको व्दारा अदमी को पोरिया पकड़वा जाय हैं: पर उ अदमी को पैदा ही नी होतो, ते ओखा लाने अच्छो हतो।”
“हे भई हुन जरुरी हतो कि सुध्द सास्र को वी लेख पूरो होए जे सुध्द आत्मा न दाऊद क मुँह से यहूदा क बारे म जे यीसु क पकड़न वाला हुन को अगुवा हतो, पहलो से कहयो हतो।