अर ओसे कहयो, “जे कोई मोरो नाम से इ बालक पोरिया ख ग्रहण करत हैं, उ मोखा ग्रहण करता हैं, उ मोरो भेजन वाला का भी ग्रहण करत हैं, काहेकि जे तुम म से सब छोटो से छोटो हैं, वही बड़ो हैं।”
यू ही तीरका अरे जवान हुन, तुम भी सियाना जमाना का अदमी हुन का बस म रहो, पर तुम सारा का सारा एक दुसरा कि सेवा का लाने नम्रता से कमर बाँधी रहो, काहेकि “परमेस्वर घमण्डी हुन को विरोध करह आय, जब कि दया करन वालो पर अपनी दया दिखाव हैं।”