16 यीसु कय्हो, “का तुम भी अब तक नासमझ हैं?
16 हुन बल्लो, “काय तुमी बले ऐबले ओबुझ आसास?
“का तुम लोग यू सब बात समझ गया?” चेला हुन कय्हो “हव”।
तब यीसु अदमी हुन ख अपनो पास बुला ख उन ख कय्हो, “सुन, अऊर समझ:
यू सुन ख पतरस न उन से कय्हो, “यू उदाहरन हम ख समझा दे।”
का तुम नी जाना हैं कि जे कुछ मुँह म जाय हैं उ पेट म पड़ हैं, अर संड़ास से निकल जाय हैं?
तुम काहे नी समझीया कि मी न रोटी हुन को बारे म असो नी बोल्यो, पर फरीसी हुन अऊर सदूकी हुन को खमीर से सावधान रहन ख बोल्यो रहा।”
का तुम अबा लक नी समझीया? का तुमका वी पाँच हजार कि पाँच रोटी हुन याद नी हाँय, अर न यू कि तुम न कित्ती टोकनी हुन उठई रहा?
वी इंसान, पाँच रोटी हुन को बारे म नी समझीया हता, काहेकि उनको मन कठोर हो गयो रह,
यीसु न उनका कय्हो, का तुम भी असा न समझ हैं? का तुम नी समझा कि जो चीज बाहार से अदमी को अन्दर जावा हैं वा ओखा ख असुध्द नी कर सका?
पर या बात उनका समझ म नी आई, अऊर वी ओसे पुछनो से डरत रह।
पर उन यू बात हुन म से कोई भी नी बात नी समझीया अर या बात उनको से छुपी रही, अर जे कय्हो गयो रह उ उनकी समझ म नी आयो।
तब ओ न सुध्द सास्र बूझन को लाने उनकी समझ खोल दी,
परन्तु या बात का नी समझ म हते, अर यू ओसे छिप रह कि वी ओ ख जानन नी पाएँ; अर वी इ बात का विसय म ओसे पूछन से डर रह।
टेमं (बखत) को विचार से ते तुम ख जरूर गुरू हो जानो थो, तेभी वी आवस्यक हो गयो हैं कि कोई तुम ख परमेस्वर को वचन की आदि सिक्छा फिर से सिखाऐ। तुम तो असा हो गया हैं कि तुम ख अनाज को बदला म आबा तक दुध ही होनू।