34 वी पार उतर ख गन्नेसरत जगह म पहुँचिया।
34 हुनमन गलील चो हुनपाट उतरून भाती गनेसरत ने अमरला।
वहाँ का अदमी हुन ओसे पहचान लियो अऊर आस पास को पूरा देस म खबर भेजो, अऊर सब बीमारो ख ओखा नजीक लायो,
जब भीड़ परमेस्वर को वचन सुनन को लियो ओ पर गिर पड़त रह, अर वी गन्नेसरत की झील को किनारा पर खड़ी हती, ते असो भयो