जे कोई इंसान को पोरिया को खिलाप म कुछ बात कहे, ओखा यू अपराध छमा कियो जाहे, पर जे कोई सुध्द आत्मा को खिलाप म कुछ काहे, ओको अपराध, नी तो यू लोक म अऊर नी परलोक म छमा कियो जाहे।
जब यीसु जैतून का टेकड़ा पर बठो हतो, ते चेला हुन न सुनसान म ओखा नजीक आयो अर बोल्यो, “कि हम ख बता कि यी बात हुन कब होऐ? तोरो आवन का अर दुनिया को आखरी को चिन्ह का होगो?”
अदि असो होतो ते दुनिया को प्रारम्भ से उन ख बार-बार भोगनो पड़तो, पर अब युग को आखरी म वाहा एक ही उत्पन्न हुओ जसो वाहा ताकि अपने ही बलिदान को दुवारा पाप ख दुर कर देहे।