6 पर मी तुम से से कहूँ हैं कि पर इते उ हैं जे मन्दिर से भी बड़ो हैं।
6 मान्तर मय तुमचो ले बलें सें कि ऐथा हुन आसे जोन मंदिर ले बले बड़े आय।
अर का तुम इंसान हुन न मूसा को नेम म नी पढ़ियो कि पूजारी छुट्टी को रोज मन्दिर म आराम करन को दिन को उल्लंघन करनो पर भी दोसी नी ठहरा?
काहेकि ओ म देवता को पुरो परिपूर्णता हमेसा वास करा हैं,