फिर ओ न उनसे कय्हो, “यू मोरी वी बात हैं, जे मी न तुम्हारो संग रहत हुए तुम लोग हुन कही हती कि आवस्य हैं कि जितनी बात मूसा की नेम की किताब अर भविस्यवक्ता हुन अर भजन हुन की किताब म मोरो विसय म लिखो हैं, सब पूरो होए।”
काहेकि यरूसलेम क रहन वाला अर ओके मुखिया हुन न ओ ख पहचानो अर नी भविस्यवक्ता हुन की बात समझी, जे हर छुट्टी को दिन पढी जात हैं, एकोलाने ओ ख दोसी ठहरायो उ बात हुन का पूरो कियो।”