37 दुसरो दिन जब वी पहाड़ से उतरियो तो एक बड़ी भीड़ ओ से आ मिलीयो।
37 दुसर दिने जिदलदाय हुनमन डोंगरी थानले उतरला तेबे गोटक बड़े भीड़ हुनचो ले ऐऊन मिलली।
अर देखियो, भीड़ म से एक अदमी न पुकार ख कय्हो, “अरे गुरू जी, मी तो से विनती करत हूँ कि मोरो पोरिया दया ओ म पर कर: काहेकि उ मोरो एक ही पोरिया आय।