अर जो वी गाँव, नगर, बस्ती म यीसु फिरत रह अदमी बिमार हुन ख बाजार हुन म ले जाय ख ओसे विनती करत रह की यीसु उनका अपनो कपड़ा को छेड़ा ख ही छिन देहे: अर जित्ता ओखा छूवा रह, सबरा अच्छी हो जात रह।
एक बाई न जे को बारा वर्स से खून बहिन का जुड़ हतो, अर जो अपन सारी जिन्दगी की कमाई अपनी ओकात ख अनुसार वैघ हुन का पिछे पिछे खर्च कर चुकी हती, तोभी कोई का हात से चंगी नी हो सकी हती,