“जब तू उपास करे, ते कपटी हुन को जसो तुम्हारो मुँह पर उदासी नी छाई रहे, काहेकि वी अपनो मुँह बनायो रखा हैं, काहेकि अदमी उन ख उपास जाने। मी तुम से सच कहूँ हैं कि वी अपनो इनाम पा चूको।
“एकोलाने जब तू दान करे,” ते अपनी जादा डोंडी मत पिटजो, जसो कपटी हुन, प्रार्थना घर म करते जावा हैं, ताकि इंसान हुन उनकी बड़ाई करे। मी तुम से सच कहूँ हैं कि उन न अपनी मेहनत को फल पा लियो।
“जब तू बिनती करे,” ते कपटी हुन को जसो मत करजो, काहेकि इंसान हुन ख दिखान को लाने प्रार्थना घर हुन म अऊर रोट कि चऊक हुन म बिनती करनो उनका अच्छो लगा हैं। मी तुम से सच बोलू हैं की वी अपनी मेहनत को फल पा चुकिया हैं।