उत्तीच बखत से यीसु अपना चेला हुन ख बतान लग गयो कि “मोखा पक्को मालुम हैं, कि मोखा यरूसलेम ख जानो जरूरी हैं सियाना अऊर पुजारी हुन को अऊर तारा हुन ख देख ख भविस्य बतान वाला सासतिरी के हात से बेजा दुख उठाऊ; अऊर मार दियो जाऊ; अऊर तिसरो दिन फिर से जिन्दो हो ख ऊठु।”
यीसु न ओसे कय्हो, का तुम न कभी सुध्दसास्र म यू नी पढ़यो: जो पत्थर ख राजमिसतिरी न बेकार ठहरा हे, उई कोना को सिरा ख पत्थर हो गयो? यी प्रभु कि तरफ से भयो, अर हमारो देखन म बेजा चोक्खो हैं।
“देखो अपुन यरूसलेम ख जाय हैं, अर इंसान को पोरिया बड़ा पुजारी हुन अर सासतिरी हुन को हात म पकडवा दियो जाहे। अर वी ओखा सुली पर चढ़ान को योग्य ठहराहे अर दुसरी जात अधिकारी हुन को हात म सोप दियो जाहे।
तब यीसु उनका सिखान लग गयो: इंसान को पोरिया को लाने जरुरी हैं, कि उ जादा दुख ख भोगे अर पुराना सियाना अर सबसे बड़ो पुजारी (प्रधान याजक), अर सास्र का जानन वाला सासतिरी ओखा बेकार को जानन को लाने मार ड़ाले, अर उ तीन-दिन को बाद जिन्दो होयगो।
काहेकि उ अपनो चेला हुन ख सिखावत अर उन ख कहत रह, “इंसान को पोरिया, इंसान हुन को हात म पकड़वा दियो जाहे, अर वी ओखा मार ड़ालेगो; अर उ मरन को तीन रोज बाद म जिन्दो होयगो।”
फिर ओ ना बारा को संग म ले जाय ख उनसे कय्हो, “देखो, हम यरूसलेम ख जाय हैं, अर जीत्ति बात इंसान को पोरिया ख लाने भविस्यवक्ता हुन को व्दारा लिखो हैं, वी सबरी पुरी होयगो।
फिर ओ ना कय्हो, “इंसान को पोरिया को लाने अवस्य हैं कि वी बेजा दुख उठाए, अर सियाना अर प्रधान पुजारी अर सासतिरी ओखा बेकार (तुच्छ) समझ कर मार डाले अर वी तीसरो दिन जिन्दो हो जाए।”
यू जरूरी होनो थो कि ताकि यसायाह भविस्यवक्ता को वचन पूरो होय जे, ओ ना कय्हो: “अरे प्रभु, हमारी अच्छी बात पर को कोना भरोसा करियो? अर प्रभु को हात की ताकत कोपर परघट भयो हैं?”