17 आकास अर जमीन का टल जानू नेम का एक बिन्दु का मिट जानू से सहज हैं।
17 बादरी आउर धरतनी चो गुचुन जातोर नियम चो गोटक बिन्दु चो मेटुन जातोर ले सरल आय।
अर मी तुम इंसान हुन से सच कहूँ हैं, आकास अर जमीन भले ही टल जाहे, पर लिखो वालो नेम म से एक मातरा अर एक बिन्दु भी बिना पुरो भयो नी मिटे।
आकास अर धरती मिट जाहेगो, पर मोरी बात हुन कभी नी खाली जान की
ते का हम नियम ख विस्वास को व्दारा बेकार ठहरायो हैं? कभी नी! पर नेम को पक्को करिये हैं।
पर प्रभु को वचन सदा-सदा को लाने खड़ो रवह हैं। अर यू अच्छो समाचार हैं जो तुम ख सुनायो गयो हतो।
पर प्रभु को दिन चोर को समान आ जाहे, उ बखत दिन आकास बड़ी हड़हड़ाहट कि आवाज से रह जाहे रहे अर जल्दी सब ही गरम होय ख पिघल जावह हैं। अर जमीन अर ओ पर का काम हुन अर ग्यान सब खतम होयगो।
फिर मीना एक बड़ो उजरो सिंहासन अर ओखा, जो ओपर बठियो हैं, देख्यो; ओको जोने से जमीन अर आकास भग गया, अर उनको लाने जगह नी मिली।
फिर मी न नयो बददल अर नई जमीन ख देखी, काहेकि पहलो बददल (आकास) अर पहली जमीन जाते राई, अर समुंदर भी नी रयो।
उ उनकी आँख हुन से सबरा आँसु पोंछ डालेगो; अर एकोबाद माऊत नी रहन की, अर न सोक, न विलाप, न दुख रहेगो; पहले कि बात जाते राई।”