तब भीड़ पर भीड़ ओखा नजीक आई। वी अपनो संग लंगड़ा, अंधा, गूगा, टुण्डा अर अन्य बेजा को ओको नजीक लायो; अऊर उन ख ओखा पाय पर डाल दियो, अर यीसु उन ख अच्छो करियो।
तब ओ न अपना नेवता देन वाला से भी कय्हो, “जब तू दिन का या रात का खानो करे, ते अपनो दोस्त हुन या भई हुन या कुटुम्बीहुन या धनवान पड़ोसी हुन ख नी बुला, कही असो नी हो कि वी भी तो ख नेवता दे, अऊर तोरो बदला हो जाहे।
उ दास न आय ख अपनो मालिक का यू बात कह सुनायो। तब घर को मालिक न गुस्सा म आय ख अपनो दास से कय्हो, ‘नगर को बाजार हुन अर गली हुन म तुरंत जाय ख भिखारी, टुण्ड़ो, लंगड़ो अर अंधो हुन का इत्ते ले आनू।’
तब पतरस उठख ओको संग हो लियो, अर जब वी पहुँचियो ते वी ओ ख उ अटारी पा ले गयो। सब विधवा हुन रोती हुयो ओको नजीक आ खडी भई अर जे कुरता अर कपड़ा दोरकास न ओको संग रहत हुए बनायो हते, दिखन लगिया।
अर अच्छा भला काम म सुनाम रही होय, जे पोरिया-पारी को पालनो-पोसनो करो होय, मिजवान हुन की मिजवानी करी होय, सुध्द अदमी हुन ख पाय धोया होय दुखी अदमी हुन की मदत करी होय, अर हर एक भलो काम म मन लगायो होय।