62 एकोबाद उन ना ओको दादा से इसारा कर ख पुछियो कि तू ओको का नाम रखनू चाहवा हैं?
62 तेबे हुनमन हुनचो बुआ ले सोयका करून पचारला कि तुय हुनचो नाव काय संगाऊक मन करसीस?
जब जकरयाह मन्दिर से बाहर आयो, ते उ बोल नी सकियो: एकोलाने: वी जान गया की ओ ना मंदिर म कोई सपना पाहे हैं; अऊर उ उन ख ईसारा करत रह, अर गुँगा रह गयो।
उन ना ओसे कय्हो, “तोरो कुटुम्ब म कोई को यू नाम नी हाय!”