26 छटवो महीना म परमेस्वर को तरफ से जिब्राईल स्वर्गदूत को, गलील नाम को नासरत सहर म,
26 छठवां मयना ने माहापुरू चो बाटले गब्रिएल सरगदूत, गलील चो नासरत नंगर ने,
अर उ उते नासरत नाम सहर म जा ख बस गयो। असो तरीका से भविस्यवक्ता हुन को वचन पूरो भयो: “उ नासरी कहलायगो।”
स्वर्गदूत न ओ ख उत्तर दियो, “मी जिब्राईल आय, जो परमेस्वर को सामने खड़ो रहू; अर मी तो ख या बात करन अर तोखा यू सुसमाचार सुनान को लाने भेजो गयो हैं।
जब वी प्रभु का नेम का अनुसार सब कुछ पुरो कर चुक्या ते गलील म अपन नगर नासरत ख फिर वापस चल्या गया।
अत: यूसुफ भी एकोलाने की वी दाऊद ख घराने खानदान का हतो, गलील के नासरत नगर से यहूदिया म दाऊद का नगर बैतलहम का गयो,
दुसरा न कय्हो, “यू मसी आय।” पर कोइ न कय्हो, “मसी गलील से नी आन को!