काहेकि इन लोग हुन का मन मोटो हो गयो हैं, अर वी कान हुन से उँचो से सुन हैं अऊर उनना अपनी आँखी बंद कर ली हैं; वी आँख हुन बन्द कर ली हैं; कही असो नी हो कि वी आँख हुन से देखे, अर कान हुन से सुने अर मन से समझे, अर फिर जाहे, अर मी उन ख अच्छो करूँ।
“मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं,” कि उ बखत आन वालो हैं, पर आ ही गयो हैं, जोमन मरिया वाला परमेस्वर को पोरिया कि आवाज सुनेगो, अर जे सुनेगो वी जिन्दगी पायगो।