सब्द न सरीर रूप धर ख, हमरो बीच म आयो, अऊर हम न ओकी असी महेमा देखी जसो परमेस्वर बाप (पिता) को अकेलो पोरिया कि महेमा, जो किरपा अऊर सही से भरपूर हो ख हमारो बीच म ड़ेरा करो।
पर जब उ एकोमतलब सत्य को आत्मा आएँगो, ते तुमका सब सत को रस्ता बतायगो, काहेकि उ अपनी तरफ से नी कहन को पर जे कुछ सुनेगो उईच कहेगो, अर आन वाली बात हुन तुमका बताएगो।
हे भैय्या हुन अर बहिन, तुम स्वतरत होन ख लाने बुलायो गया हैं; पर असो नी होय की या स्वतंतरता सारीरिक काम हुन को लाने काम कि चीज बने, वरन प्रेम से एक दुसरा को लाने गुलाम बनो।
मो ख सियाना हुन की तरफ से वा बाई ख जो परमेस्वर कि ओर से चुनी वाली हैं अर ओखा बाल-बच्चा हुन को नाम जिनका मी सत्य ख जानन वाला इंसान हुन को रूप म प्रेम करूँ हैं। सिरप मीच ही नी तुम से प्रेम करत आय, बल्कि वी सब भी तुम से प्रेम करा हैं जो सत्य ख जान गया हैं।