11 तिहार म यहूदी गुरू हुन यीसु का ढुँढ़त रहा हता। “उ किते हैं?” उनना पुछयो।
11 यहूदी परब ने हुनके, ऐ बोलुन भाती डगराऊक मुरयाला, “हुन काहां आसे?”
यूहन्ना कि गवाई या हैं कि जब यहूदी हुन न यरूसलेम से याजक हुन अर लेवी हुन ख ओसे या पूछन को लाने भेजो, “तु कऊन आय?”
एको बाद वी यीसु का ढूँढ़न लग्या अऊर मन्दिर म खड़ो हो का एक दुसरा से बोलन लग्या, “तुमरो का विचार हैं? का उ तिहार म नी आन को?”
असी बात हुन को बाद यीसु गलील परदेस ख घुमन गयो; काहेकि उ यहूदिया परदेस ख नी जानो चाहत रहा, काहेकि वहाँ ख यहूदी गुरू हुन ओखा मार ड़ालन कि सोचत रहा।
लेकिन कोई न भी यीसु को बारे म खुल ख बात नी करी काहेकि वी यहूदी अधिकारी हुन से डरत हता।
यहूदी गुरू हुन बड़ी सोच म पढ़ गया अऊर उनना कय्हो, “यू इंसान कसो जाना हैं जब उ कभी स्कूल नी गयो?”
उनना ओसे पुछो, “उ किते हैं?” “ओ ना कय्हो?” “मी नी जानु।”