28 तब वा बाई न अपनो मटका वही छोड़ दियो, अर सहर म जा ख इंसान हुन से बोली,
28 तेबे बायले लेकी आपलो हांडी के छांडुन भाती नंगर ने जाते गेली, आउर लोगमन के बोलुक मुरयाली,
अऊर ओरत जल्दी ही समसान घाट को नजीक से चली गयी अर डर अर बड़ो खुसी को संग उनका चेला हुन ख यू समाचार सुनान दऊड़ी।
वी ऊई बखत उठ ख यरूसलेम का लोउट गयो, अर उ ग्यारह हुन अर ओके संगी हुन का इकठ्टे पायो।
अर समसान घाट से लउट ख उन्होना उ ग्यारह हुन का, अर अन्य सब का, यू वा सब बात हुन कह सुनायो।
इत्ता म ओखा चेला आ गया, अर यीसु ख एक ओरत को संग बात हुन करते देख ख सोच म पड़ गया; फिर भी कोई न असो नी बोल्यो, “तुमका का चाहिए?” “तू या बाई से काहे बात कर रयो हैं?”
“आव, एक इंसान ख देखो, जोना मोखा उ सब कुछ जो मीना करियो मोखा बता दियो। कही युई तो मसीहा नी आय?”
इत्तो म सामरिया कि एक बाई पानी भरन ख आई। यीसु न ओसे कय्हो, “मो ख पानी पिला।”