35 अदि आपस म प्रेम रखेगो, ते आसे से सब जाने की तुम मोरा चेला हैं।”
35 अगर आपस ने मया संगाहा से, तेबे ऐचीई ले सपाय जान दे कि तुमी मोचो चेलामन आस।”
कि वी सब एक होय; जसो तू बाप मोरो म हैं, अर मी तोरो म हैं, वसा ही वी भी हम म एक होय, जे से पुरी दुनिया भरोसा करे कि तुना ही मोखा भेजो हैं।
जेय कोई अपनो भई अर बहिन से प्रेम रखह हैं, उ ही उजाला म रवह हैं, अऊर ठोकर नी खा सका हैं।
पर जे कोई ओखा वचन पर चले, ओ म सच म परमेस्वर को प्रेम सच भयो हैं। यी से हम ख जान गया हैं
अऊर अब ओ बाई, मी तुमका कोई नयो आग्या नी बल्कि उईच आग्या ख लिखु रयो हैं, जेखा हमना सनातन काल से पायो हैं हमका हमेसा एक-दुसरा से प्रेम करनो चाहिए।