“मी तो तुम इंसान हुन ख पानी से पस्चाताप करन को बपतिस्मा देऊ हैं; उ मोसे जादा सक्तिसाली हैं। मी ओको जूता उठान को भी कबील नी हैं। उ तुमका सुध्द आत्मा अर आग से बपतिस्मा देहे।
अर असो प्रचार करह हैं, “यूहन्ना न इंसान हुन से कय्हो मोरो बाद उ आवन वालो हैं, जे मोसे जादा सक्तिसाली हैं; मी यु लायक नी हाय कि झुक ख ओको जूता की बददी छोड सकू।
ते यूहन्ना न उन सब से कय्हो, “मी तो तुम ख पानी से बपतिस्मा देऊ हैं, पर उ आनवालो हैं जो मो से सक्तिसाली हैं; ते इ योग्य भी नी की मी ओके जूता को बददी खोल सकू उ तुमका सुध्द आत्मा अर आगी से पानी संस्कार देगो।
यूहन्ना न बोल-बोल ख ओको बारे म गवाई दियो, “यु उईच आय, जेको बारे म मीना कय्हो रहा जो मोरो बाद आवन वालो हैं उ मोसे बढ़ ख हैं; काहेकि उ मोसे पहलो से हतो रहा।”
जब यूहन्ना न अपनी सेवा पुरी करन पा हतो, ते ओ न कय्हो, तुम मोखा का समझावा हैं? मी उ नी आय! लेकिन देखनु, मोरो बाद एक आन वालो हैं, जेको पाय कि जूता की बददी ख मी खोलन को लायक नी हाय।