10 एक ही मूँह से धन्यवाद अर बददुआ दोयी नीकला आय अरे मोरा भई हुन, असो नी होनू चहिए।
10 गोटक ची मुंह ले धन्यबाद आउर सराप दुनो निकरू आय। हे मोचो भाईमन, असन नी होतोर आसे।
अपनो सतान वाला ख आसीस दे; आसीस दे स्राप नी दे।
काहेकि अब तक सारीरिक हैं। एकोलाने कि जब तुम म जलन अऊर लड़ाई हैं, ते का तुम सारीरिक नी हैं? अऊर का अदमी कि रिती रिवाज पर नी चल हैं?
ऐको संग ही संग वी घर-घर फिर ख आलसी होना सिखा हैं, अर सिरप आलसी नी पर फक्कड़-फक्कड़ करते रहव हैं अऊर दुसरो को काम म हात भी डाला हैं, अर बेकार की बात भी करा हैं।
हे मोरा प्यारो भई हुन अर बहिन हुन, धोखा नी खानू।
अरे मोरा प्यारो भई हुन, या बात तुम जान लेनू; अर हर एक अदमी सुनन को लाने तत्पर अर बोलनो म धीर अर गुस्सा म धीमो हो,
अरे मोरा भई हुन, तुम म से बेजा उपदेसक न बनो, काहेकि जानह हैं कि हम उपदेसक अर भी अपराधी ठहरेगो।
का झिरिया को एक ही मूँह से मीठो अर खारो पानी दोयी निकला हैं?
ऐसे ही से हम प्रभु अर बाप कि प्रर्थाना करह हैं अर येसे ही इंसान हुन ख जे परमेस्वर को स्वरूप म पैदा भया हैं अर बददुआ देवा हैं।
बुरा का बदला बुरा मत कर अर नी गाली को बदला गाली नी दे; पर एका बदला आसीस ही दे, काहेकि तुम आसीस को सन्तान होन का लाने बुलायो गयो हो।