एमा सन्देह नी कि भक्ति को भेद गम्भीर हैं: लेकिन वह जे सरीर म प्रगट हुओ आत्मा म धर्मी ठहरो स्वर्ग दूत हुन ख दिखाई दियो, दुसरी जाति हुन म उसको प्रचार भयो, दुनिया म ओ पर भरोसा किरयो गयो, अर महिमा म ऊपर उठाया गयो।
एकोलाने कि मसी न भी, याने अधर्मी हुन को लाने धरमी न, पाप हुन का लाने एक बार दुख उठायो, काहेकि हम ख परमेस्वर को नजदीक पहुँचाए; उ सरीर का भाव से ते जख्म कियो गयो, पर आत्मा ख भाव से जिलायो गयो।