18 जब पाप हुन कि माफी मिल गई हैं, ते फिर पाप हुन को लाने बली चढ़ान कि जरूत नी राई।
18 आउर जिदलदाय ऐ मन चो छमा होऊन गेली से, तो फेर पाप चो बलिदान नी रली।
काहे कि ओ न एक ही बार बली को दुवारा, जे सुध्द होते जा रया हैं, उन ख सदा हमेसा को लाने पूरो सुध्द कर दियो।
फिर उ असो कहा हैं, “मी उनका पाप हुन ख अर उनका अधर्म का काम हुन ख फिर कभी याद नी करन को।”
अरे मोरा भई बहिन, अब हम ख पुरो भरोसा हो गयो हैं कि हम यीसु को खून से सुध्द जगह मे प्रवेस कर सकह हैं।
अदि असो हो पावा ते का उन को ते उन को बलि चढ़ानो बन्द काहे नी हो जाय? काहेकि फिर ते सेवा करन वालो एक ही बार म हमेसा हमेसा को लाने सुध्द होय जावह हैं। अऊर अपनो पाप हुन को लाने फिर कभी खुद ख अपराधी नी समझा।