काहेकि मोखा डर हैं, कही असो नी हो कि मी आन पर मी तुम लोग हुन को जसो मिलो चाह हैं, पर वसो ही तुम ख पाए; अऊर कही असो नी होऐ कि मी तुमारो यहाँ फूट, जलन अर बुराई अर स्वार्थ पन अर अर तुम म लड़ाई, डाह, घुसा, जलन, चुगली, घमण्ड अर बखेड़ा होवा हैं;
जेय तरीका से उन अदमी हुन म झूटा भविस्यवक्ता हता, उही तरीका से तुम म भी झूठो सिखान वाला होऐ, जो नास करन वालो पापी को उद्घाटना छिप छिप ख करेगों, अर उ मालिक को जेना उन ख खरीद लियो हैं मना करेगों, अर अपनो खुद ख जल्दी नास म डाल दे हे।
पर डरनवाला, अर अविस्वासी हुन अर घिनोना हुन, अर हत्यारा हुन अर व्यभिचारी हुन, अर टोना, अर मूरती पूजा करन वाला, अर सब झुटा हुन को भाग वा झील म मिलेगो जो आग अर गन्धक से जलते रहवा हैं: या दुसरी माऊत आय।