यीसु न जुवाब दियो, “सुध्द सास्र म असो लिख्यो हैं: ‘अदमी सिरप रोटी ही से जिन्दो नी हैं। बल्कि उ परमेस्वर को मुंडो से निकलन वालो हर एक वचन से जिन्दो रहवा हैं।’”
काहेकि परमेस्वर को वचन जिन्दो, अर मजबुत अर हर एक दोधारी तलवार से भी बेजा तेज हैं, अर प्रान अर आत्मा ख, अर गाँठ-गाँठ अर गुदा-गुदा ख अलग कर ख आर पार छेद देह हैं अर मन कि भावना ख अर विचार ख परख लेवह हैं।
जाति जाति ख मारन को लाने ओको मुंड़ो से एक चोक्खी तलवार निकला हैं। उ लोहा को राजदण्ड लेका उन पा राज करेगों, अर सर्वसक्तिमान परमेस्वर को भयानक प्रकोप की पानी जलाहट की मदिरा को रसकुण्ड म अंगूर खोदेगो।