अब अरे मोरो प्यारो भई हुन बहिन हुन, जब कि या वादा हुन हम ख मिली हैं, ते आ, हम अपनो तुम ख सरीर अर आत्मा की सारी बेकार चीज हुन से सुध्द करे, अऊर परमेस्वर को डर रखते हुए सुध्दता को सीधो करे।
हे भैय्या हुन अर बहिन, तुम स्वतरत होन ख लाने बुलायो गया हैं; पर असो नी होय की या स्वतंतरता सारीरिक काम हुन को लाने काम कि चीज बने, वरन प्रेम से एक दुसरा को लाने गुलाम बनो।
अपनो अगुवो को आदेस मानो अर उन को अधीन रहो, काहे कि वी उन को समान तुमारी जान को लाने जगयो रह हैं, जिन ख लेखा देनो पड़े वी यू काम खुसी से रहे, नी की ठंडी साँस ले-ले ख, काहे कि या दसा म तुम ख कोई फायदा नी।
यू ही तीरका अरे जवान हुन, तुम भी सियाना जमाना का अदमी हुन का बस म रहो, पर तुम सारा का सारा एक दुसरा कि सेवा का लाने नम्रता से कमर बाँधी रहो, काहेकि “परमेस्वर घमण्डी हुन को विरोध करह आय, जब कि दया करन वालो पर अपनी दया दिखाव हैं।”