15 लउदीकिया को भई ख, अर नुमफास अर उन को घर की कलीसिया ख नमस्ते कहनू।
15 लौदीकिया चो भाईमन के, आउर नुमफास आउर हुनमन चो घर चो कलीसिया के जुहार बोलुन देस।
उ कलीसिया हुन ख भी नमस्कार जे उनका घर म हैं। मोरो प्यारो इपैनितुस को, जे मसी का लाने आसिया को पहलो फल आय, नमस्कार
काहेकि मोरो लाने वहाँ एक बड़ो अर काम म आवान वालो दरवाजा खुलो हैं, अर दुसमन ढ़ेर सारो हैं।
मी चहु कि तुम जान लेओ कि तुम्हारो अऊर ओको लाने जे लउदीकिया म हैं, अर उ सब को लाने जे न मोरो सारीरिक म हैं, अर उ सब को लाने जे न मोरो सारीरिक मुँह नी देखयो, मी कसो मेहनत करुँ हैं,
मी ओको गवाह हूँ की वी तुमरो लाने अर लउदीकिया अर हियरापुलिसवालो को लाने बडो मेहनत करते रह हैं।
जब या चिठ्टी तुमरो याहा पड़ लियो जाहे ते असो करनु की लउदीकिया की कलीसिया म भी पढो जाहे। अर वा चिठ्टी जे लउदीकिया से आहे ओ ख तुम भी पडनू।
अर बहिन अफफिया, अर हमरा बहाद्दुर संगी अरखिप्पुस अर फिलेमोन को घर की कलेसिया को नाम: