17 एकोलाने पतरस आ यूहन्ना न उन पा हात धरया अर उनका सुध्द आत्मा मिल गयो।
17 तेबे हुनमन-हुनमन उपरे हाथ संगाला आउर हुनमन पवितर आत्मा पावला।
अर असो बोल ख ओखा बेजा विनती करी, “की मोरी छोटी पोरी मरन पर हैं: तू आका ओपर हात धर कि वा अच्छी होका जिन्दा रहे।”
तब उन्होनो उपवास अर प्रार्थना कर ख अर ओ पर हात रख ख उन ख बिदा कियो।
जब पोलुस न उन पर हात रखिया, ते सुध्द आत्मा उ पर उतरियो, अर वी अलग-अलग भासा बोली बोलत अर भविस्यवानी करन लगिया।
वी सब दी अर ओमा से भरख गयो, अर जे प्रकार सुध्द आत्मा हैं उन्हे बोलन की सामर्थ्य दी, वी अन्य अन्य भासा हुन बोलन लगिया।
उन ख प्रेरित हुन का सामे खड़ो कियो अर उन ख प्रार्थना कर ख ओ पर हात रखियो।
जब समोन न देखियो कि प्रेरित हुन को हात रखन से सुध्द आत्मा दियो जात हैं, ते ओको नजीक पैसा लाय ख कय्हो,
तब हनन्याह उठ ख ओ घर म गयो अर जाहा साऊल था, अर ओ पर पर अपनो हात रख ख कय्हो, “हे साऊल भई, प्रभु, अर्थात् यीसु, जे ओ रस्ता म, जेसे तू आयो तोखा दिखाई दियो हतो, ओको न मोखा भेजो हैं कि तू फिर नजर पाएगो अर सुध्द आत्मा से भर जाएगो।”
काहेकि मी तुम से मिलन कि इच्छा करू हैं की मी तुम ख विस्वास म मजबुत बनान ख लाने तुमका भी एक आत्मिक वरदान देन कि सोचू हैं;
उ वरदान को मुताबित जे तो म हैं, अर भविस्यव्दाणी को दुवारा मुखिया याजक हुन को हात रखते टेमं तो ख मिलो थो, बे फिकर मत रहजो।
कोई पा तुरत हात मत धरजो, अर दुसरा को पाप हुन म सामिल मत होजो, खुद ख सुध्द बना ख रख।
यही वजह म तो ख सुधि दिलाउ हैं कि तू परमेस्वर को उ वरदान को जे मोरो हात रखन को व्दारा तो ख मिलह हैं प्रज्वलित कर देहे।
अर बपतिस्मा को अर हात रखन की विधि, अर मरिया वाला हुन को जिन्दो होनू, अर आखरी न्याव कि ग्यान रुपी नीव फिर से नी डाले।