12 हम सुरक्छा सहर म पहुँचिया अर हम तीन रोज तक रूकया हता।
12 सुरकुसा ने लंगर डालुन भाती आमी तीन दिन ठेबु रलु।
सूर से पानी को रस्ता पुरो कर ख पतुलिमयिस म पहुँचिया, अऊर भई हुन ख नमस्कार कर ख उनको संग एक दिन रहया।
अद्रमुत्तियुम को एक जहाज पर जे आसिया को किनारा की जगा पर जान वालो हतो चढ़ ख हम न ओ ख खोल दियो अर अरिस्तर्खुस नाम को थिस्सलुनीकियो को एक मकिदूनी हमरो संग हतो रहा।
तीन माह को बाद सिकन्दरिया को एक जहाज म हम चल पडिया, यू जहाज सिनस्तु म उही रुको हता जहाज को अगलो भाग म जुडुवा ईस्वर असो निसान अंकित हतो।
वहाँ से हम जहाज को व्दारा रेगियूस म आया पहुँचियो: अर फिर अगलो ही रोज को बाद दक्छिन वाली हवा लगी, ते अगलो रोज हम पुतियुली म आ गयो।