जब ओ ना देख्यो की वी नाव चलाते-चलाते पस्त हो गया हैं, काहेकि हवा उनको सामने कि तरफ से चलत रह, ते रात को चऊथो पहर को करीब यीसु झील पा चलते उनको पास आयो; अर उनसे आगु चल देनु चाहत रह
जब हम बेजा दिन लक धीरे-धीरे चल ख दुख सुख से कनिदुस को जाने पहूँचिया ते एकोलाने की हवा हमका आगे नी बढ़न देत रहा हती, हम सलमोने को सामे से होय ख क्रेते को आड़ म चलो;