31 वी चिठ्टी पड़ ख अदमी की सान्ति की बात पढ़ ख मन म सान्त भयो
31 हुनमन चिठ्ठी पडुन भाती हुन उपदेश चो गोठ ले खुबे हरिक होला।
पर कुछ इंसान यहूदिया से आ ख भई हुन ख सिखान लगया यह मूसा की रिती पर तुम्हारो खतना ना हो तो तुम उध्दार नीय पा सका।
तो अब तुम का परमेस्वर परीक्छा करत हो की चेला की गरदन पर असो बोझ रखो जिन न हमारो बाप दादा उठा सकते हैं अर हम भी उठा सहके हैं
फिर वी बिदा हो ख अन्ताकिया पहुँचिया अर पंचायत ख इखट्ठी कर ख वह चिठ्टी उन ख दे दियो
यहूदा अर सीलास न जो ख भविस्यवक्ता हता बेजा बात से भई हुन ख उपदेस दे ख सान्त कियो
यू प्रकार कलीसिया हुन भरोसा म स्थिर हती रह अर संख्या हर दिन बडत रह।
मसी न मोक्छ को लाने हमका स्वतरत करयो हैं; एकोलाने ऐमा ही बनिया रहो, अर गुलामी कि बोझ म फिर से गुलाम मत बननू।
काहेकि खतना वाला वाला हुन ते हम ही आय जो परमेस्वर को आत्मा कि अगुवाई से आराधना करिये हैं, अर मसी यीसु पर घमण्ड करिये हैं, अर सरीर पर विस्वास नी रखा हैं।