52 अर चेला हुन खुसी से अर सुध्द आत्मा से भरपुर्न होते गयो।
52 आउर चेला हरिक ले आउर पवितर आत्मा ले समपूरन होते गेला।
तब हसनो अर मगन होनो, काहेकि तुमारो लाने स्वर्ग म बडो फल हैं। एकोलाने कि उनना वी भविस्यवक्ता हुन ख जो तुम से पहले हता यूईच तरीका से सतायो रहा।”
तब चेला हुन न निर्णय करियो कि हर एक झन अपनी-अपनी पूंजी को हिसाब से यहूदिया म रहन वाला भई हुन की मदत को लाने कुछ भेजयो हैं।
वी सब दी अर ओमा से भरख गयो, अर जे प्रकार सुध्द आत्मा हैं उन्हे बोलन की सामर्थ्य दी, वी अन्य अन्य भासा हुन बोलन लगिया।
वी दिन प्रति वे मन्दिर म समूह म मिलत रह वी अपनो घर हुन म संग म खाना बाँट ख उदार मन से खुसी को संग मिल जुल ख खावत हता,
जब की प्रार्थना कर चुकियो, ते वी जगह जाहेगो वी इकठ्टे हते हिल गयो, अर वी सब सुध्द आत्मा से परिपूर्ण हो होएगो, अर परमेस्वर को वचन हियाव से सुनते रय्हे।
उन्होने असो समझ लियो की परमेस्वर न उन न यीसु को नाम को लाने अपमान सहन को लायक समझियो।
काहेकि परमेस्वर को राज खान-पीवन को नी आय, पर धर्म अर मेलमिलाप अर उ सान्ति अर खुसी हैं जे सुध्द आत्मा से होवा हैं।
परमेस्वर जे आसा को दाता आय तुमारो विस्वास करन म सब तरीका को खुसी अर सान्ति अर धीरज से परिपूर्ण करिये, कि सुध्द आत्मा कि सक्ति से तुमारो आसा बढ़ जाहे।
इत्तो ही नी हम संकट अर मुसीबत म भी गर्व करे काहेकि जान हैं कि संकट मुसीबत म धीरज पैदा होवा हैं।
कि दुख की बड़ी परीक्छा म उन ख बडो खुसी अर भारी कंगाल दसा म उनकी उदारता म बेजा बढ़ गई।
पर आत्मा को फल प्रेम, खुसी, सान्ति, सबर, किरपा, भलाई, भरोसा,
तुम न हमरो अर प्रभु को जसो पालन करियो अर बड़ी दुख मुसीबत को भोग ख सुध्द आत्मा कि मरजी से खुसी से सुसमाचार ख मान लियो।
अरे मोरा भई हुन अर बहिन हुन, जब तुम पर कई तरीका को दुख आहे, तब इसे बडी खुसी की बात समझनो।
पर जसो जसो मसी को दु: ख हुन म सह भागी होवा हैं, खुसी मनावो, जे से ओकी बड़ाई को प्ररगट भयो बखत भी तुम खुसी से अर मगन हो।