35 एकोलाने ओ ना एक अर भजन म भी कय्हो हैं, तू अपन सुध्द जन ख सड़न नी देगो।
35 ऐईकाजे हुन गोटक आउर भजन ने बले बल्लो से, तुय आपलो पवितर जन के कुऊक नी दे से।
भरोसा की वजे से हनोक जिन्दो स्वर्ग म चलो गयो वाहा मऊत ख नी देखयो काहेकि परमेस्वर ओ ख स्वर्ग पर उठा लियो थो, अऊर ओको उठायो जानो से पहले ओकी यू गवाई दियो गयो हैं कि ओ न परमेस्वर ख खुस कियो थो।
मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं: अदि कोइ मोरो वचन को पालन करे, ते उ अनन्त काल को जीवन तक मोत का नी देखन-को।”
जो पोरिया पर भरोसा करा हैं, अनन्त जीवन ओको ही हैं; पर जो पोरिया कि नी माना, उ जीवन ख नी देखन को, परमेस्वर कि घुस्सा या क्रोध ओपर बनो रहवा हैं।”
अर सुध्द आत्मा ओ पर प्रगट भयो हती कि जब तक वी प्रभु के मसी का देख नी लेगो, तब तक मृत्यु ख नी देखेगो।