जे तुमरो कने पहुँचिया हैं, अर जसो दुनिया म भी फल लावा अर बढ़तो जावा हैं, वसो ही जे दिन से तुम न ओ ख सुनो अर सच्चई से परमेस्वर की दया ख पहिचानो हैं, तुम म भी असो ही करह हैं।
आखीर म, अरे भैय्याहुन बहिनहुन!, तुम हमरो लाने बिनती करते रहनो कि प्रभु को वचन असो तेजी से फैले जाय अर महिमा पाय, अर सब जगा म असो फैईल जाय। जसो कि तुम इंसानहुन को बीच म भयो हैं;