“काहेकि परमेस्वर न पुरा दुनिया ख इंसान हुन से असो प्रेम रख”, कि ओ न अपनो अकेलो पोरिया तक दे दियो, ताकि जो कोई ओपर भरोसा करे उ नास नी होन को, पर अनन्त जीवन पाहे।
पर अपराध वरदान को जसो नी, एक इंसान को अपराध को करन अनको कि माऊत हुई परमेस्वर को अनुग्रह सच्चो एक इंसान मसी यीसु को दया हम दियो हुओ वरदान अनेक हुन म स्थापित होगा।
काहेकि हर एक अच्छो वरदान अर हर एक उत्तम दान ऊपर से ही आय, अर उजारो को बाप की तरफ से मिलत हैं जे म नी ते कोई बदलाव हो सकह हैं, अर नी अदला बदला को कारन हो पर छाय पड़ हैं।