एकोलाने मी न जे या इच्छा करी हती ते का मी न छिछोरा पन दिखायो? या जो करनु चाहूँ हैं का सरीर को अनुसार करन चाहूँ हैं कि मी बात म हाव भी करू अर नी भी करू?
अऊर मी जो करत आय रैयो हूँ, उही कर रैयो हूँ, कि जो लोग मऊका ढूढ हैं उन ख मी मऊका मिल नी दे हैं, काहेकि जी बात म वी घमण्ड करिये हैं, ओमा वी हमारो ही जसो ठहरे।
मी बेकुप हुन जसी बात कर रयो हूँ तुम लोग हुन न मोखा ऐका लाने मजबुर करियो हतो। अर तुम ही न मोरी गुजारी करी हती, काहेकि यदि मी कई भी नी आय, तेबी उन ख बड़ो प्रेरित हुन से कुई भी बात म कमी नी हैं।
पर प्रभु मोसे बोल्यो कि, “मोरो किरपा तुमारो लाने बेजा हैं; काहेकि तुमारी कमजोर हुन म मोरो सक्ति पूरी तरीका से दिख हैं।” एकोलाने मी बड़ो खुसी से अपनी कमजोरी पर घमण्ड करू हैं, कि मसी की सक्ति मोपर छायो रह हैं।