17 हमेसा बिनती करते रहनु।
17 हरमेशा पारथना ने लगुन राहा।
फिर ओ न ओको बारे म रोज प्रार्थना करनु अर हियाव नी छोडनू चाहिए, अर यी उदाहरन कय्हो:
एकोलाने जागतू रहनू अर हर बखत विनती करत रहनू कि तुम इ सब आन वाली घटना हुन से बचनो अर इंसान को पोरिया का सामे खड़ो होवन को योग्य बनो।”
आसा म आनन्दित रह; दुख म पक्को रह; प्रार्थना म लगातार लगो रह।
एक बखत अर हर तरीका से आत्मा म प्रार्थना, अर बिनती करते रहनू, अर एकोलाने जगते रहनू कि सब सुध्द झन को लाने लगातार बिनती करते रहनू,
प्रार्थना म लगीया रहो, अऊर धन्यवाद को संग ओ म सतरक रहो;
सारी बात हुन ख आखरी हैं पर होन वालो हैं; एकोलाने गंभीर होय ख विनती का लाने हुसयार रह।