4 का हम ख खान पीवन को अधिकार भी नी आय?
4 काय आमके खातो-पीतोर अधिकार निआय?
रस्ता को लाने नी झोला रख, नी दो कुरता, नी जूता अऊर नी लाठी ले, काहेकि मजदूर ख ओको खाना मिलनू चाहिए।
हुई घर म रह, अर जे कुछ ओ से मिले, हुई खाय-पी, काहेकि मजदूर का अपन मजदूरी मिलन चाही; घर-घर नी फिर।
मी न कोई को चाँदी, सोना या कपड़ा को लालच नी करो।
जो अदमी हुन मोखा परख हैं, उनको लाने यू मोरो कहना हैं।
जो वचन कि सिक्छा सुना हैं, उ सब भली चिज हुन ख सिखन वालो ख भागी करियो।
हम न इंसान हुन से कोई इज्जत पान की कोसिस नी करी। न तुम इंसान हुन से सम्मान अर न दुसरा से,
काहेकि, भई अऊर बहिन हुन! तुम ख हमारो कड़ी मेहनत करनो याद होए। तुमरो बीच परमेस्वर को सुसमाचार प्रचार ख फैलाते घड़ी हम दिन-रात काम काज करते रया, जसो कोई पर बोझ नी डाले।