6 अगर मी जो यी कहूँ हैं वी अनुमती हैं नी कि कय्हे।
6 मान्तर मय जोन ऐ बलेंसें हुन अनुमती आसे ना कि हुकुम।
जीन को सादी हो गयो हैं, उनको मी नी, पर प्रभु हुकुम देवह हैं कि घरवाली अपनो घरवालो से दूर नी हो
दूसरा से प्रभु नी अगर म ही कहूँ हैं पर कई भई की घरवाली भरोसा नी रखे हो अर ओखा संग रहना से खुसी हो, ते उ ओ ख नी छोड़।
कुँवारी हुन का बारा म प्रभु की कोई कहना मोखा नी मिली, पर विस्वास योग्य होन का लाने जसो दया प्रभु न म पर कि हैं, ओखा अनुसार सम्मति दे हूँ।
अदि जसी हैं वसी ही रय्हे, ते मोरो खयाल म अऊर भी चोक्खो हैं; अऊर मी समझू हैं कि परमेस्वर को आत्मा मोरो म भी हैं।
यू बे धड़क घमण्ड म जो कई म कहू हैं, उ प्रभु की आदेस का अनुसार नी पर मानो बेकुप झन ही से कहू हैं।
मी यू सम्बन्ध म कोई आदेस नी दे रयो हूँ, पर दूसरा लोग हुन को खुसी से तुमरो प्रेम कि सच्चाई कि परखन ख लाने कहू हैं।