कोई भी दास दो मालिक हुन की सेवा नी कर सकह हैं काहेकि उ ते एक से बुराई करे अऊर दुसरो से प्रेम रखनो। या एक से मिल्यो रहेगो अऊर दुसरो ख संग म तुच्छ जानेगो। तुम परमेस्वर अऊर धन कि अऊर दोई कि एक संग म सेवा नी कर सकह।
एकोलाने अपनी अर पुरो झुंड की निगरानी करो जेमा सुध्द आत्मा न तुम ख अध्यक्छ ठहरायो हैं, कि तुम परमेस्वर की कलीसिया का रखवाली करे, जे ख ओ न अपनो खून से मोल लियो हैं।
एकोलाने कि मसी न भी, याने अधर्मी हुन को लाने धरमी न, पाप हुन का लाने एक बार दुख उठायो, काहेकि हम ख परमेस्वर को नजदीक पहुँचाए; उ सरीर का भाव से ते जख्म कियो गयो, पर आत्मा ख भाव से जिलायो गयो।
वी यू नयो गीत गान लग गया, “तू या किताब को लेन, अऊर ऐकी मुहर हुन खोलन को योग हैं; काहेकि तुना वध होका अपनो खून से हर एक कुल, अर भासा अर इंसान हुन अऊर जात हुन म से परमेस्वर को लाने अदमी हुन का मोल लियो हैं,