कि या बात म कोई अपनो भई ख नी ठगन को, अर न ओपर हुकुम चलाय, काहेकि प्रभु असी सब बात हुन को पलटा लेन वालो हैं; जसो की हम न पहिले ही तुम से बोल दियो अर जतायो भी हतो।
देखो, जे बनियार न तुम्हारो खेत काटो, ओकी वा बनियारी जे तुम न धोखा दे ख रख ली हैं चिल्ला रही हैं, अर काटन वालो की दोहई सेना हुन को प्रभु के कानो तक पहुँच गई हैं।