मी यू प्रार्थना करूँ हैं कि तुमारो सामने मो ख निडर होय ख हिम्मत करनो नी पड़, पर जसो मी कई इंसान हुन पर जो हम ख जिन्दगी को जसा चलन वाला समझ हैं, हिम्मत दिखान का सलाह करूँ हैं।
काहेकि मोखा डर हैं, कही असो नी हो कि मी आन पर मी तुम लोग हुन को जसो मिलो चाह हैं, पर वसो ही तुम ख पाए; अऊर कही असो नी होऐ कि मी तुमारो यहाँ फूट, जलन अर बुराई अर स्वार्थ पन अर अर तुम म लड़ाई, डाह, घुसा, जलन, चुगली, घमण्ड अर बखेड़ा होवा हैं;