30 अर हम भी काहे हर बखत संकट म पड़ रय्हे हैं?
30 आउर आमी बले केंव हर घड़ी खतरा ने पडु रऊँ आंव?
पर जब नाव चल रही हती, तो उ सो गयो: अर झील म आँधी आई, अर नाव पानी से भरन लगीयो अर वी तकलिब (जोखिम) म हते।
नी ते जे अदमी मर भेयो का लाने बपतिस्मा ले हैं वी का करेगों? अगर मुर्दे हुन जिन्दो भेयो हैं नी ते फिर काहे उन ख लाने बपतिस्मा ले हैं?
अरे मोरो भई बहिन हुन, मोखा ओ पर घमण्ड की कसम जो हमारो प्रभु मसी यीसु म मी तुमारो बारा म कर उ हैं कि मी हर दिन मर हैं।
अनजान अदमी हुन को जसो हैं तेबी बड़ाई सम्मान (प्रसिध्द) हैं; मरिया हुयो को जसो हैं अर देखो जिन्दो हैं; मार खान वाला को जसो हैं पर जान से मारो नी जाय हैं;
पर भैय्या हुन भई, अदि मी अबा तक खतना प्रचार करू हैं ते काहे अबा तक सतायो जाऊ हैं? फिर तो सूली कि ठोकर जाती रही।