40 यदि सब बात हुन सालीनता अऊर व्यवस्थित रूप से की जाहे।
40 मान्तर पूईतराय गोठमन शालीनता आउर नियमरूप ले करा जाओ।
जसो दिन ख अच्छो देवा हैं, असो ही हम सिधी चाल चले, नी की लीला-क्रीड़ा अर पियक्कड़ पन म, नी छिनालापन अर भोग विलास, अर झगड़ा अर जलन से दूर रह।
अदि कोई भूखो हैं ते अपनो घर म खा ले, जे से तुमारो इकट्ठा होन का सजा को कारन नी हैं। अर बात हुन ख म आँख चोक्खो करूँ हैं।
लेकिन मी सरीर को भाव से तुम से दुर हूँ तोभी आत्मिक भाव से तुम्हारो पास हूँ, अर तुम्हारो व्यवस्थित जिन्दगी ख अर तुम्हारो भरोसा की, जे मसी म हैं दृढ़ता देख ख परसन होवा हैं।
मी एकोलाने तो ख क्रेते म छोड़ ख आयो रा की तू बाकी बात हुन ख सुधारे, अर मोरो कहेना को हिसाब सहर-सहर सियाना अदमी हुन ख तैयार करे।