6 अधर्म को काम हुन से खुसी नी होए हैं, पर सच्चो से खुसी होए हैं।
6 घिन-घिना काम ले हरिक नी होये, मान्तर सत ले हरिक होऊ आय।
अऊर अगर असो होय कि ओ ख मिले, ते म तुम से सच कहू हैं कि उ उन ख निन्यानबे भेड़ी हुन ख लाने जो खोई नी हती, इत्तो खुसी नी करे कि जितनो यी भेड़ ख लाने करे।
वी आनन्दित भयो, अर ओ ख रूपये हुन देन का वादा दियो।
वी तो परमेस्वर की या विधि जानत हैं कि असो बुरो काम करन वाला ख अच्छो सजा मरनो हैं। ते भी वी नी अकेलो खुद यू ही काम कर हैं, पर असो बुरो करन वाला से खुस भी होय हैं।
प्रेम म कई कपट हो; पर बुराई से घृना कर; भलाई म लगो रह।
ते का भयो? परन्तु यू कि हर प्रकार से, या बहाने से या सच्चाई से, मसी कि कथा सुनाई जाव हैं, अर मी ऐ म खुसी हैं अर खुसी रहूंगो भी
अर जब कभी तुम पुरा को लाने विनती करू हैं, ते हमेसा खुसी को संग विनती करू हैं।
काहेकि बेजा सी असी चाल चल हैं, जेकी चर्चा मी न तुम से बार बार करी हैं, अर अब भी रो ख कहूँ हैं कि वी अपनी चाल चलन से मसी को सूली कि बैरी हैं।
ताकि जित्ता इंसान सत्य को ऊपर विस्वास नी करा, वरन अधर्म से खुस होवा हैं, वी सब सजा पाहे।
तुमरा पोरिया-पारी ख वा सच्चई को अनुसार जीवन जीते देख ख जेको आग्या हमका बाप परमेस्वर से मिल्यो हैं, मी बेजा खुस भयो हैं।